चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव में उतरा चीन का यान
▪️चांगई-6 प्रोब सबसे बड़े क्रेटर से नमूना इकट्ठा करेगा, 25 जून को चीन के इनर मंगोलिया क्षेत्र में उतरेगा
बीजिग, रामटर : चीन का चंग ई-6 प्रोबचंद्रमा के "सबसे बड़े क्रेटर दक्षिणी ध्रुव - एटकेन बेसिन में रविवार सुबह 6.23 बजे सफलतापूर्वक उतरा" यह पृथ्वी से नजर न आने वाला हिस्सा हैं। "चांगई-6 इस हिस्से से दो किलो नमूना एकत्र कर पृथ्वी पर लौटेगा"। यहां अब तक कोई दूसरा देश नहीं पहुंच पाया है।
अबिटर, रिटर्नर, लैंडर और एस्सैंडर से युक्त चांग-6 प्रोब को "3 मई को लांग मार्च-5 राकेट की मदद से हैंनान के दक्षिणी द्वीप स्थित वेनचांग सेटेलाइट लांच सेंटर से भेजा गया था"। कई चरणों को पार कर यह निर्धारित गंतव्य तक पहुंचने में कामयाब रहा। "इसे उतरने में सहायता के लिए चुनौतियों को खुद पहचानने की क्षमता से लैस किय गया था"। विज्ञानियों का कहना है कि एक दृश्य
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▪️प्रकाश कैमरे ने चंद्र सतह की चमक और अंधेरे के अधार पर तुलनात्मक रूप से सुरक्षित लैंडिंग क्षेत्र का चयन किया।
यह खोज के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण है।चाइन एयरोस्पेस साइंस एंडटेक्नोलाजी कारपोरेशन (CASC)
के अंतरिक्ष विशेषज्ञ हुआंग हाओ ने कहा कि चंद्रमा का सुदूर भाग ऊबड़ - खाबरड़ होने के बावजूद अपोलो बेसिन अपेक्षाकृत सपाट है। चांग ई-6 को "नमूना जमा करने का कार्य दो दिनों में पूरा करना है"। "हालांकि, उसे करीब 14 घंटे का ही समय मिलने की संभावना है"। ड्विलिंग और रोबोटिक बांह के माध्यम से नमूना इकट्ठा किया जाएगा। नमूनों को लैंडर के ऊपर राकेट बूस्टर में स्थानांतरित किया जाएगा, जो अंतरिक्ष में वापस लांच किया जाएगा। "यह चंद्र कक्षा में एक अन्य अंतरिक्ष यान के साथ जु़डेगा और 25 जुन के आसपास चीन के इनर मंगोलिया क्षेत्र में उतरेगा"। यदि सब कुछ योजना के अनुसार हुआ, तो यह चीन को चंद्रमा के 4.5 अरब साल के इतिहास का एक प्राचीन रिकार्ड प्रदान करेगा।

भविष्य में:-
चीन का उद्देश्य 2030 तक चंद्रमा पर मानव को उतारना है, सौर मंडल के गठन के संबंध में नई जानकारियां सामने लाएगा यान
चीन का चांग-6 चंद्र लैडिंग माइ्यूल चंद्रमा पर सफलता पूर्वक उतर गया। "इसे तीन मई को हेनान प्रांत के वेनचांग अंतरिक्ष प्रक्षेषण स्थल से राकेट लांग मार्च - 5/8 से रवाना किया गया था"। रायटर






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